खुशियों के आगोश में जीना आसाँ है यारोंजरा ग़मों से सराबोर जिंदगी भी जी कर देख लो।१।खुशियाँ हो चारो तरफ ऐसी जिंदगी सभी की चाह है,ग़मों की जिंदगी मगर कोई न जीना चाहे। २ ।दुखों से काहे मुंह मोड़ते हो, जरा उन्हें भी तो जीकर देख लोखुशियों का क्या है , वो तो सभी की चाहत है। ३।
खुशियों के आगोश में जीना आसाँ है यारों
ReplyDeleteजरा ग़मों से सराबोर जिंदगी भी जी कर देख लो।१।
खुशियाँ हो चारो तरफ ऐसी जिंदगी सभी की चाह है,
ग़मों की जिंदगी मगर कोई न जीना चाहे। २ ।
दुखों से काहे मुंह मोड़ते हो, जरा उन्हें भी तो जीकर देख लो
खुशियों का क्या है , वो तो सभी की चाहत है। ३।